एसडीएम बृजेन्द्र रावत ने दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर कराई 130 मजदूरों की भोजन व्यवस्था
बरेली। छिंदवाड़ा जिले से एक माह पूर्व रायसेन जिले के विभिन्न ग्रामों के खेतों में मजदूरी करने आए मजदूर परिवार अब अपने गांव छिंदवाड़ा जिला पैदल ही वापिस जाने के लिए मजबूर दिखाई दे रहे हैं। मजदूरों के पैदल ही बरेली आने की खबर लगते ही एसडीएम बृजेन्द्र रावत ने दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर छोटे-छोटे मासूम बच्चों सहित 130 मजदूरों के लिए भोजन व्यवस्था कराई।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 25 मार्च को देशभर में 21 दिन के टोटल लॉक डाउन की घोषणा की गई थी लेकिन लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लॉक डाउन का समय 19 दिन तक और बढ़ा दिया गया है। लॉक डाउन की स्थिति में अपने परिजनों से दूर रहने के साथ ही खाने पीने की समस्याओं से जूझ रहे दर्जनो परिवार जिम्मेदार अधिकारियों से अनुमति लेकर पैदल अथवा किसी वाहन से पलायन करने को मजबूर बने हुए हैं। मंगलवार को उदयपुरा अंतर्गत आने वाले ग्राम रोसरा एवं बरेली थाना अंतर्गगत आने वाले ग्राम रजवाड़ा से छोटे-छोटे बच्चों सहित सैकड़ो मजदूर छिंदवाड़ा जिला जाने के लिए बरेली एसडीएम श्री बृजेन्द्र रावत से अनुमति लेने पैदल ही बरेली आ गए। मजदूरों के रजवाड़ा और ग्राम रोसरा से पैदल ही बरेली आने की खबर लगते ही बरेली एसडीएम बृजेन्द्र रावत ने तत्काल तहसीलदार राजीव कहार, नायब तहसीलदार नीरू जैन सहित अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर सभी मजदूरों को खाने-पीने की व्यवस्था कर अधिकारियों को उनके ठहरने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। ग्राम रोसरा और रजवाड़ा से छाटे-छोटे बच्चों सहित पैदल चलकर बरेली आए मजदूरों ने बताया कि अभी हम एसडीएम और तहसीलदार महोदय के पास अनुमति लेने बरेली आए हुए हैं। यदि अनुमति मिलती है तो हम सब लोग अपने गांव भोईपार जिला छिंदवाड़ा चले जायेंगे।
इनका कहना है --
ग्राम बटेरा सहित आसपास के तीन ग्रामों से सौ के करीब मजदूर पैदल ही बरेली आए हैं। जिन पटेलों के यहां यह मजदूर काम कर रहे थे वह उन्हे लेने आए है। सभी मजदूरों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था की जा रही है।
बृजेन्द्र रावत एसडीएम बरेली
बरेली एसडीएम बृजेंद्र रावत ने कराई 130 मजदूरों के भोजन की व्यवस्था