तिहाड़ के जेल में एक साथ चारों को फांसी पर लटकाया

*तिहाड़ के इतिहास में पहली बार चार को एक साथ फांसी पर लटकाया गया*
राजधानी दिल्‍ली की तिहाड़ जेल में आज सुबह साढ़े पांच बजे निर्भया सामूहिक दुष्‍कर्म के चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। इसके साथ ही इस मामले में लंबे समय से चला आ रहा इंतजार, ऊहापोह, कशमकश और परिजनों के न्‍यायिक संघर्ष का भी समापन हो गया। तिहाड़ के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब एक बार में चार दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया। अभी तक एक बार में अधिकतम दो दोषियों को ही फांसी पर लटकाया गया है। सतवंत सिंह व केहर सिंह ही दो वे दोषी थे, जिन्हें एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया। तिहाड़ जेल में आखिरी बार 2013 में आतंकी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी। अफजल से पूर्व तिहाड़ में इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह और केहर सिंह को 1989 में फांसी पर लटकाया गया था। तिहाड़ जेल के अंदर की पूरी सुरक्षा व्यवस्था तमिलनाडु पुलिस की स्पेशल फोर्स के जिम्मे सौंपी गई थी। खासकर तमिलनाडु पुलिस को लगाने का मकसद यह था कि अगर कुछ अंदर ले जाने के लिए सुरक्षाकर्मियों से साठगांठ की कोशिश हो तो उनके बीच में भाषाई समस्या आ जाए।अब से 16 साल पहले दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी। अब 16 साल के बाद इसी तरह से दुष्कर्म के मामले में एक साथ चार आरोपियों को फांसी की सजा दे दी गई। कोलकाता का धनंजय चटर्जी पहला ऐसा व्यक्ति था जिसे एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या किए जाने के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी। उसे फांसी की सजा 14 अगस्त 2004 को अलीपुर सेंट्रल करेक्शनल होम, कोलकाता में दी गई थी।