कोरोना संदिग्ध की सूचना के 7 घंटे बाद पहुंचे प्रशासन गैरतगंज के ग्राम गोरखा का मामला 3 दिन पहले आया था महाराष्ट्र से युवक

कोरोना संदिग्ध की सूचना के 7 घंटे बाद पहुंचा प्रशासन, नहीं किए कोई सुरक्षा के इंतजाम
- गैरतगंज के ग्राम गोरखा का मामला, 3 दिन पहले आया था महाराष्ट्र से
- कोरोना पीड़ित युवती के साथ भोपाल अस्पताल में भर्ती था मरीज, वहां से भागकर पहुंचा गैरतगंज
तहसील के ग्राम गोरखा में कोरोना संदिग्ध मिलने की सूचना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। उक्त संदिग्ध युवक 3 दिन पहले महाराष्ट्र से भोपाल आया था तथा बीमार होने पर भोपाल के जेपी अस्पताल में भर्ती था। आइसोलेशन के दौरान वह उसी वार्ड में भर्ती था, जहां कोरोना से पीड़ित युवती भर्ती थी। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम गोरखा का रहने वाला कृष्ण कुमार राय पुत्र गुलाब सिंह राय 22 वर्ष बीते कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र प्रांत मंे किसी काम से गया था। पिछले 20 मार्च को वह भोपाल लौटा तथा स्वास्थ्य खराब होने पर किसी परिचित के माध्यम से जेपी अस्पताल इलाज कराने पहुंच गया। डाक्टरों ने वहां संदिग्ध स्थिति होने पर उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जहां कृष्ण कुमार को भर्ती किया गया, वहीं उसी वार्ड में लंदन से लौटी भोपाल में मिली कोरोना से पीड़ित युवती भी भर्ती थी। आइसोलेशन के दौरान अगले दिन 21 मार्च को कृष्ण कुमार अस्पताल प्रबंधन को बगैर सूचना दिए भागकर अपने गांव आ गया। बाद में अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन के पास भिजवाई। प्रशासन को सोमवार की सुबह 9 बजे इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिल गई। बावजूद इसके लगभग 7 घंटे बाद प्रशासन इस मुद्दे पर हरकत में आया तथा कोरोना संदिग्ध कृष्ण कुमार को परीक्षण एवं उपचार हेतु जिला अस्पताल एम्बुलंेस से भेजा गया। जहां जिला अस्पताल में उसका परीक्षण किया जा रहा है। 
-स्थानीय प्रशासन की लापरवाही पड़ सकती है भारी
इस मामले में स्थानीय प्रशासन का लापरवाही पूर्ण रवैया लोगांे के लिए भारी पड़ सकता है। इस मुददे पर गौर करने वाली बात यह है कि कोरोना संदिग्ध 2 दिन ग्राम गोरखा में रहा। इस दौरान वह कितने लोगां के सम्पर्क में आया यह अभी तक पता नहीं चल पाया है। प्रशासन द्वारा उक्त ग्राम को लाक डाउन भी नहीं किया गया। 
वे बोले....
जिला नोडल अधिकारी जिला पंचायत के सीईओ अविप्रसाद से इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मरीज का परीक्षण कराया जा रहा है। जांच का परिणाम आने के बाद ही कोई कदम उठाए जाएंगे।